लंका जीतने के बाद यहां मूर्छित हुए थे बजरंग बली, जानिए इलाहाबाद स्थित इस चमत्कारिक हनुमान मंदिर के बारे में



कवरेज इण्डिया विशेष।

इलाहाबाद। संगम नगरी इलाहाबाद में गंगा के किनारे स्थित हनुमान जी का यह अनूठा मंदिर देश भर में आस्था का प्रतीक है। यहां पर हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों का तांता लगाता है। धर्म की नगरी संगम में आने की ऐसी मान्यता है कि कि जब तक हनुमान जी के दर्शन न किये जायें तब तक संगम का पूण्य पूरा नहीं होता है। संगम में लेटे हनुमान जी को संगम का कोतवाल भी माना जाता है। कहा जाता है कि हनुमान जी के बाएं पैर के नीचे कामदा देवी और दाएं पैर के नीचे अहिरावण दबा हुआ है। दायें हाथ पर श्रीराम और लक्ष्मण और बाएं हाथ में गदा सुशोभित है। ऐसी मान्यता है कि लेटे हनुमान जी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं।

मां जानकी ने अपने सुहाग का सिंदूर देकर बाबा दिया था आशीर्वाद
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब लंका विजय के बाद भगवान राम जब संगम स्नान कर भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने प्रयाग आए तो उनके सबसे प्रिया भक्त हनुमान इसी जगह पर शारीरिक कष्ट से पीड़ित होकर मूर्छित हो गए। जिसके बाद पवन पुत्र को मरणासन्न देख माँ जानकी ने उन्हें अपनी सुहाग के प्रतिक सिन्दूर से नई जिंदगी दी और हमेश स्वस्थ एवं आरोग्य रहने का आशीर्वाद प्रदान किया। माँ जानकी द्वारा सिन्दूर से जीवन देने की वजह से ही बजरंग बली को सिन्दूर चढाये जाने की परम्परा है। आम तौर पर जहां दूसरे मंदिरों मे प्रतिमाएँ सीधी खड़ी होती हैं। वही इस मन्दिर मे लेटे हुए बजरंग बली की पूजा होती है।


दक्षिणाभिमुखी है भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति
इस मंदिर में हनुमानजी की दक्षिणाभिमुखी विशाल मूर्ति है, जो छह-सात फुट नीचे है। मूर्ति का सिर उत्तर और पैर दक्षिण दिशा में है। इसे बड़े हनुमान जी, किला के हनुमान जी और बांध वाले हनुमान जी भी कहा जाता है। यहां मंगलवार और शनिवार को श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। भक्त दर्शन-पूजन कर निशान चढ़ाते हैं। मंदिर का प्रबंधन बाघंबरी गद्दी के की ओर से किया गया जाता है।


महान विभूतियों ने भी दरबार में नवाया शीश
मन्दिर मे पूजा-अर्चना के लिए यूं तो हर रोज़ ही देश के कोने-कोने से हजारों भक्त आते हैं। पर यहां पर पहुंचने वाले देश के बड़े प्रतिभाओं और महान विभूुतियों ने भी बाबा के दरबार में मत्था टेका, इस दरबार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ साथ पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सरदार बल्लब भाई पटेल और चन्द्र शेखर आज़ाद जैसे तमाम विभूतियों ने अपने सर झुकाए। अभी के दौर की बात करें तो तकरीबन कई बड़े राजनेता और स्टार्स संगीतज्ञ, वैज्ञानिक, सामाजिक चिंतक और विद्दतजनों ने भी लेटे हनुमान जी के शरण में दर्शन करने पहुंचते हैं।

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