शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश में बदहाल हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिश को जिला अस्पताल के डॉक्टर पलीता लगा रहे हैं। आलम यह है कि डॉक्टर अपने चैंबर में बैठने की बजाय अपने सरकारी आवासों में निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। वहीं मरीज लाइन लगाकर डॉक्टरों का इंतजार कर रहे हैं खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर भी बहानेबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं।
बाजार से लेनी पड़ती हैं दवाएं
मरीजों की लाइन का यह नजारा शाहजहांपुर के अमर शहीद पंडित रामप्रसाद के नाम पर बने जिला अस्पताल का है। यहां दूरदराज से आए मरीज इलाज के लिए डॉक्टरों का इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टरों के बैठने के समय की बात करें तो वह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक का होता है लेकिन 9:00 बजे तक भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे। डॉक्टर अपने सरकारी आवासों में निजी प्रैक्टिस में जुटे रहते हैं। परेशानहाल मरीज घंटों डॉक्टरों का इंतजार करते हैं और जब डॉक्टर आते हैं तो उन्हें सरकारी दवा देने की बजाय बाजार से मेडिकल स्टोर पर दबा खरीदने पर मजबूर करते हैं।
अधिकारी करते हैं बहानेबाजी
प्रदेश में जिला अस्पताल पहले से ही डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में जो डॉक्टर हैं उनका समय पर अपने चेंबर में ना बैठना स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी से उतार रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी सवाल पूछने पर बहानेबाजी करते नजर आ रहे हैं।
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मरीजों को डांट कर भगा दिया जाता है
अस्पताल में आई महिला मरीज ज्योति के अनुसार कल उन्हें इमरजेंसी महिला डाक्टर को अपने लिए दिखाना था। ज्योति के अनुसार वह कल शाम को जिला अस्पताल गयी जहां ड्यूटी पर बैठी डाक्टर ने उन्हें देखने के बजाय डांटकर भगा दिया। यहां जब देखो तब मरीज चले आते हैं। मजबूरी में ज्योति को निजी अस्पताल में जाकर दवा लेनी पड़ी।
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