नई दिल्ली। गुजरात की लड़ाई कौन जीता, यह कुछ देर में साफ हो जाएगा। सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई है। चंद घंटों बाद ही यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि दो दशकों से राज्य पर शासन कर रही बीजेपी को दोबारा मौका मिलेगा कि नहीं। गुजरात में बीजेपी की बढ़त 77 सीट पर लुढक गई है और कांग्रेस 88 सीटों पर आगे चल रही है। बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। सभी एग्जिट पोल्स के आंकड़े बीजेपी की जीत की संभावना जता रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस ने भी अबकी काफी मेहनत की है। उसे उम्मीद है कि नतीजों में कुछ ऐसा जरूर होगा जो बीजेपी को चौंकाएगा।
गुजरात में एग्ज़िट पोल के नतीजों से गदगद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ऑफ़िस को दुल्हन की तरह सज़ा दिया है। वहीं राहुल गांधी की ताबड़-तोड़ रैली के बाद कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि गुजरात में 22 साल के बाद कांग्रेस की वापसी होगी। गुजरात में अंदरखाने इस बात को लेकर भी चर्चा काफी तेज़ है कि पाटीदार आंदोलन, उना में दलितों की पिटाई के बाद पिछड़े समाज के लोगों में असुरक्षा की भावना, जीएसटी के ख़िलाफ़ व्यापारियो का रोष और राहुल की ताबड़तोड़ रैली कहीं बीजेपी का समीकरण बिगाड़ न दे। वहीं पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ईवीएन पर ही सवाल खड़ा किया है।
बता दें कि गुजरात चुनाव परिणाम को लेकर आए एग्जिट पोल्स में कहा गया है कि गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा फिर स्पष्ट बहुमत प्राप्त करेगी। राज्य में 14 दिसंबर को दूसरे और अंतिम दौर का मतदान संपन्न होने के तुरंत बाद अलग-अलग एग्जिट पोल आए। एक एग्जिट पोल में कहा गया है कि गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 115 और कांग्रेस को 65 सीटें मिलेंगी। वहीं, एक अन्य एग्जिट पोल में कहा गया कि सत्तारूढ़ गठबंधन को 108 सीट मिलेंगी तथा विपक्षी कांग्रेस की झोली में 74 सीट आ सकती हैं। टाइम्स नाउ-वीएमआर के एग्जिट पोल में कहा गया कि राज्य में भाजपा को 115, कांग्रेस को 64 तथा शेष सीट अन्य दलों को मिल सकती हैं। गुजरात में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 92 सीट जीतने की आवश्यकता है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 115, कांग्रेस को 61 तथा अन्य को छह सीट मिली थीं।