2 जी घोटाला मामला: सीबीआई कोर्ट से राजा-कनिमोझी सहित सभी आरोपी बरी


कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क।
नई दिल्ली। गुरुवार को 2जी घोटाले मामले में पटियाला हाउस कोर्ट की सीबीआई विशेष कोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके राज्यसभा सांसद कनिमोई सहित 25 आरोपियों को बरी कर दिया है। 2जी घोटाला 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए का था।

दरअसल अदालत ने 3 मामलों की सुनवाई की है, जिसमें दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का है। पहले सीबीआई केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा के अलावा डीएमके के राज्यसभा सांसद कनिमोई, पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए. राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, यूनिटेक कंपनी के एमडी संजय चंद्रा, कुशेगांव फ्रूटस एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा व राजीव अग्रवाल, कलाईगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार और सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी के अलावा रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी गौतम जोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरि नैयर आरोपी हैं।

इसके अलावा तीन कंपनियों स्वान टेलीकॉम लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडू) को भी आरोपी बनाया गया है।

क्या है 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला?
- 2010 में आई कैग की रिपोर्ट में 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल उठाए गए थे।इसमें बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाए 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर इसे बांटा गया था। इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

- ये भी बताया गया था कि नीलामी के आधार पर लाइसेंस बांटे जाते तो यह रकम सरकार के खजाने में जाती।
- दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में स्पेशल कोर्ट बनाने पर विचार करने को कहा था।
- 2011 में पहली बार स्पेक्ट्रम घोटाला सामने आने के बाद अदालत ने इसमें 17 आरोपियों को शुरुआती दोषी मानकर 6 महीने की सजा सुनाई थी। इस घोटाले से जुड़े केस में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रविकांत रुइया, अंशुमान रुइया, लूप टेलीकॉम की प्रमोटर किरण खेतान, उनके पति आईपी खेतान और एस्सार ग्रुप के डायरेक्टर विकास सराफ भी आरोपी हैं।

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