कवरेज इण्डिया सुधीर गुप्ता शाहजहांपुर।
शाहजहाँपुर। प्रदेश में रामराज स्थापित करने का वादा करके सत्ता में आई योगी सरकार में इंसानियत ही शर्मशार हो रही है। एक मासूम बच्चे को अपने पिता की जान बचाने के लिए दो यूनिट ब्लड की भीख मांगनी पड़ी रही है। वहीं जिला अस्पताल प्रशासन की इंसानियत इस तरह से मर चुकी है कि अब तक उस बुजुर्ग के लिए खून का इंतजाम नहीं किया गया है। मासूम बालक पिता की जान बचाने के लिए दर-दर भटक रहा है।
इंसानियत को शर्मसार करती ये तस्वीर शाहजहाँपुर सरकारी जिला अस्पताल की है। थाना सिंधौली के आयूँ गांव में रहने बाले लालजीत ने बताया कि उसकी जमीन पर गांव के ही दबंग भू माफियाओं ने कब्ज़ा कर लिया था। जब उसने भू माफियाओं की शिकायत पुलिस से की तो गांव उन दबंगो ने घर में घुसकर लाठी डंडों से उस को इतना पीटा कर दी। जिससे उसके हाँथ पांव और पसलियों की हड्डी टूट गईं। थाने में तहरीर देने के बाबजूद पुलिस ने भी अभी तक दवंगों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। गंभीर रूप से घायल लालजीत को तीन दिसम्बर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि उसका ऑपरेशन होगा। जिसके लिए उसे चार यूनिट ब्लड का इंतजाम करना होगा तभी इलाज हो सकेगा।
अस्पताल में भर्ती लालजीत बेहद ही गरीब है और उसका सहारा आठ साल का उसका बेटा जग मोहन ही है जो अस्पताल में उसकी देखभाल कर रहा है। जिला अस्पताल में मासूम बच्चे को रोता बिलखता देख जब मीडिया ने उसकी पीड़ा को सुना तो मीडिया की दखल के बाद खून के लिए तड़पते लालजीत को दो यूनिट खून तो अस्पताल ने दे दिया लेकिन शेष दो यूनिट खून के अभाव में उसका ऑपरेशन न हो सका। आठ साल का मासूम जगमोहन अपने पिता की जिन्दगी बचाने के लिए दो यूनिट खून की तलाश में पूरे अस्पताल में पिछले 15 दिनों से चक्कर काट रहा है लेकिन पत्थर दिल डॉक्टरों का दिल नहीं पसीज रहा है। अब ऐसे में बूढा और लाचार पिता इलाज के अभाव के चलते अस्पताल के बिस्तर पर अंतिम सांसे गिन रहा है।
ऐसे में सवाल जिले की उन संस्थाओं और समाज सेवियों से भी है जो खुद को समाज सेवा का ठेकेदार कहते हैं? आखिर खून के अभाव में इलाज को तरसते हुए बूढ़े बाप और खून की तलाश में दर दर भटकते हुए मासूम बच्चे की ओर योगी का ये अस्पताल नजरें इनायत क्यों नहीं कर रहा है? आखिर इस मासूम बच्चे के आसुंओं पर अस्पताल के किसी भी डॉक्टर का दिल क्यों नहीं पसीज रहा है? क्या ये समझ लिया जाये कि इस अस्पताल की ब्लड बैंक में दो यूनिट भी खून नहीं है?