कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क।
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में राजनेताओं पर लगे 20,000 मुकदमे वापसी के फैसले पर योगी सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है। सीएम योगी सहित डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्या पर लगे केस भी वापस लिए जाएंगे। 21 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह विधेयक पास हुआ था। शासन की तरफ से जिलों के डीएम को इस मामले में पत्र भेजा गया है।
प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) विधेयक, 2017 विधानसभा में पेश किया था।
संशोधन के बाद इस फैसले पर मोहर लग गई कि राजनेताओं पर लगे 20,000 मुकदमे वापस होंगे। इस विधेयक में पहले 2013 तक की अवध में दर्ज हुए मामले शामिल किए गए थे लेकिन बाद में संशोधन करके इसकी अवधि 31 दिसम्बर 2015 तक कर दी गई। के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़ा किया था। उन्होंने पूछा था कि क्या मुख्यमंत्री योगी और डेप्युटी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर लगे मुकदमें भी वापस होंगे? जिलों में जो पत्र भेजे गए हैं उनमें वह जिले भी शामिल हैं जहां सीएम योगी और डेप्युटी सीएम मौर्या के खिलाफ भी मुकदमें दर्ज हैं। जिलों को इन सारे मुकदमों वापस लेने को कहा गया है।
सरकार की तरफ से गोरखपुर के डीएम को पत्र भेजकर कहा गया है कि 1995 में दर्ज मुकदमा वापस लें। डीएम से कहा गया है कि इसके लिए उनकी तरफ से कोर्ट में आवेदन किया जाए। इस केस में योगी आदित्यनाथ, एसपी शुक्ला जो इस समय केंद्री वित्त राज्य मंत्री हैं और सहजनवां से बीजेपी विधायक शीतल पांडेय समेत 10 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा भंग करने का केस कोर्ट में चल रहा है।