हिमांचल के नए CM बने जयराम ठाकुर, पढ़िए इनका अबतक का सफरनामा


विजयेन्दर शर्मा।
शिमला, हिमाचल प्रदेश में नए मुख्यमंत्री की तलाश आखिरकार खत्म हो गई है, पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र तोमर और निर्मला सीतारमण की नवनियुक्त विधायकों संग बैठक के बाद जयराम ठाकुर के नाम का ऐलान कर दिया गया है। इस ऐलान के साथ ही हिमाचल प्रदेश में में अब राम राज्य स्थापित होगा। हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम पर आखिरकार सस्पेंस खत्म करते हुये आज चुने हुये भाजपा विधायकों ने मंडी के सिराज से चुनकर आये विधायक जय राम ठाकुर को अपना नेता चुन लिया।

कैसे टटोली  गई विधायकों की नब्ज
जय राम ठाकुर ही प्रदेश के 13वें नए मुख्यमंत्री होंगे, वह लगातार 5 वीं बार विधायक चुने गए हैं। शिमला के पीटरहॉफ में विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सर्वसम्मति जताई गई है। बैठक के दौरान नए मुख्यमंत्री का ऐलान किया गया। बताया जाता है कि बैठक में बीजेपी प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय सहित बीजेपी कोर ग्रुप के सदस्य भी मौजूद रहे। जहां पांडेय ने विधायक दल को संबोधित किया। बता दें कि सीएम की दौड़ में तीन नेता जेपी नड्डा, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल, जय राम ठाकुर का नाम आगे चल रहा था। लेकिन पिछले दिनों दो केंद्रीय मंत्रियों ने हिमाचल आकर विधायकों व कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली थी। अब हिमाचल के नए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर होंगे।

कैसे पर्दे के पीछे सबकुछ गुपचुप हुआ
काफी जद्दोजहद के बाद जय राम ठाकुर मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचे हैं। परदे के पीछे केन्द्रिय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा उनकी ताजपोशी के लिये भूमिका तैयार करते रहे। हालांकि जय राम ठाकुर को पहले ही विधायक दल का नेता चुन लिया जाना था,लेकिन एन वक्त पर भाजपा में धूमल खेमे के विधायक व उनके समर्थक इसके विरोध पर उतर आये,तो मामला दिल्ली तक चला गया। उसके बाद ही पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की नाराजगी का सामना करना पड़ा । व धूमल को सार्वजनिक तौर पर एलान करना पड़ा वह इस दौड़ में नहीं हैं। इसके बाद जाकर शिमला में विधायक दल की रूपरेखा तैयार की गई। जय राम ठाकुर के चयन के लिये इस दौरान किसी को भी कानोंकान खबर नहीं थी।

क्यों किनारे हुए नड्डा
यही वजह है कि सुबह बैठक से पहले तक जे पी नड्डा का नाम आगे रहा। लेकिन बैठक शुरू होते ही राजनिति ने फिर करवट ली, व केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने पार्टी नेतृत्व की राय से विधायकों को अवगत कराया, किसी ने भी जय राम ठाकुर के नाम का विरोध करना उचित नहीं समझा। चूंकि तब तक धूमल खेमा कमजोर हो चुका था व नड्डा विरोधियों को भी लगने लगा कि अगर इस कुछ गड़बड़ हुई तो वह मंत्री पद से भी हाथ धो र्बैठेंगे। यही वजह है कि आज शांतिपूर्ण तरीके से जय राम ठाकुर के नाम पर मुहर लग गई।

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